Friday, July 15, 2011

जिंदगी तुम्हारी मुश्किल में है

जिंदगी तुम्हारी मुश्किल में है

हुई धमाको से कई जिन्दगिया तहस नहस
और टीवी पे शुरू हुई आतंकियों के खुनी खेल की बहस..
मेरे आँख ने एक न मानी और मैंने सोने की ठानी
सोते ही मैंने एक सपना देखा..
और भारत माँ को दुखी देखा..

सोचता हूँ भारत माता क्या इस बात है दुखी
पूंछने पे वह रोते रोते बोली ..
आतंकियों के हर दम निशाना बनते हुए अब मुझे आती है हँसी
मेरे बेटे बेटियों की जिंदगी राजनेताओं के चंगुल में फँसी

मेरे दर्द को कोई समझ न पाया अब मुझसे ही रूठ पड़ा है मेरा साया
हर दम यह नेता देता है आश्वासन नया ...
कब मिलेगी उसको फुर्सत घोटालोंसे .. उसे नहीं है मुझसे कोई मोह -माया
चाहे कितना भी बदले जमाना.. यह राजनीती का खेल है सालों पुराना

इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास की कमी अब नेताओंके मन में है
चीख रही ही हूँ में ..माँ तेरी मुश्किल में है ..
अब तक तो में मुश्किल में थी .. अब जिंदगी तुम्हारी मुश्किल में है
अब उठ और जागो मेरे माती के लाल ...जिंदगी तुम्हारी मुश्किल में है

-[ निशब्द- DP]